PM Vishwakarma Training Center List 2025: जानिए आपके राज्य में कहां हैं ट्रेनिंग सेंटर?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) 2023 को विश्वकर्मा जयंती पर शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक कौशल प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, सस्ते ऋण, और उपकरण प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है। यह योजना 31 राज्यों और 520 जिलों में लागू है और इसके तहत लगभग 15,441 सक्रिय प्रशिक्षण केंद्र कार्यरत हैं। इन केंद्रों पर लाभार्थियों को बेसिक और एडवांस्ड दोनों तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं ताकि वे अपने हुनर को बेहतर कर सकें और आय बढ़ा सकें।

यह योजना खासतौर पर दर्जी, बढ़ई, मिस्त्री, नाई, लोहार जैसे पारंपरिक कामगारों को लाभान्वित करती है। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को प्रति दिन ₹500 का स्टाइपेंड दिया जाता है और प्रशिक्षण पूरा होने पर ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता भी मिलती है। साथ ही, ₹3 लाख तक का ऋण भी मात्र 5% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। इससे कारीगरों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

इस लेख में हम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटरों की सूची, उनके राज्यों के अनुसार वितरण, योजना की मुख्य विशेषताओं और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, यह भी समझेंगे कि ये ट्रेनिंग सेंटर कैसे खोजे जा सकते हैं और योजना का वास्तविक स्वरूप क्या है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर क्या हैं?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर देशभर में स्थापित प्रशिक्षण केंद्र हैं, जहां पारंपरिक कारीगरों को विभिन्न ट्रेड्स जैसे बढ़ईगीरी, दर्जी, लोहार आदि में प्रशिक्षित किया जाता है। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य कारीगरों के कौशल को सुधारना, उन्हें नए तकनीकी उपकरणों से परिचित कराना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है।

प्रशिक्षण दो चरणों में दिया जाता है—बेसिक और एडवांस्ड। बेसिक प्रशिक्षण में कारीगरों को मूल कौशल सिखाए जाते हैं, जबकि एडवांस्ड प्रशिक्षण में उन्हें बाजार की मांग के अनुसार बेहतर और नवीन तकनीकें सिखाई जाती हैं।

PM Vishwakarma Training Center List 2025

योजना का नामप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
शुरूआत की तारीख17 सितंबर 2023
कुल प्रशिक्षण केंद्र15,441 सक्रिय केंद्र
कवर किए गए राज्य31 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश
जिलों की संख्या520 जिलों में कार्यान्वयन
टूलकिट सहायता₹15,000 प्रति लाभार्थी
प्रति दिन स्टाइपेंड₹500
ऋण सुविधा₹3 लाख तक, 5% ब्याज दर पर
योजना अवधि2023-2028 (5 वर्ष)

राज्यों के अनुसार ट्रेनिंग सेंटरों की संख्या

नीचे प्रमुख राज्यों में उपलब्ध प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटरों की संख्या दी गई है, जिससे आप अपने क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों का अंदाजा लगा सकते हैं:

  • कर्नाटक: 1,943
  • मध्य प्रदेश: 1,872
  • गुजरात: 1,196
  • महाराष्ट्र: 1,436
  • उत्तर प्रदेश: 1,439
  • राजस्थान: 1,354
  • बिहार: 963
  • जम्मू-कश्मीर: 802
  • ओडिशा: 503
  • तेलंगाना: 477

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर कैसे खोजें?

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके राज्य या जिले में कौन-कौन से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर हैं, तो निम्न कदम अपनाएं:

  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “Dashboard” विकल्प चुनें।
  • “Training Centers” सेक्शन में जाएं।
  • अपने राज्य और जिले का चयन करें।
  • उपलब्ध प्रशिक्षण केंद्रों की सूची, पता, मोबाइल नंबर, और अन्य जानकारी देखें।

इस प्रक्रिया से आपको अपने नजदीकी केंद्र का पता आसानी से चल जाएगा, जिससे आप प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

योजना के मुख्य लाभ और सुविधाएं

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को कई तरह के फायदे मिलते हैं:

  • कौशल विकास: कारीगरों को आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रकार के कौशल प्रशिक्षित किए जाते हैं।
  • वित्तीय सहायता: प्रशिक्षण पूरा करने पर ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता मिलती है।
  • स्टाइपेंड: प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रतिदिन की आर्थिक सहायता।
  • सस्ता ऋण: ₹3 लाख तक का किफायती ब्याज दर पर ऋण सुविधा।
  • रोजगार के अवसर: बेहतर कौशल के कारण रोजगार और व्यवसाय के बेहतर अवसर उपलब्ध होते हैं।

(FAQs)

प्रश्न 1: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कब शुरू हुई?
उत्तर: यह योजना 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती पर शुरू की गई थी।

प्रश्न 2: प्रशिक्षण के दौरान क्या आर्थिक सहायता मिलती है?
उत्तर: हां, प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को ₹500 प्रतिदिन स्टाइपेंड मिलता है।

प्रश्न 3: योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता मिलती है?
उत्तर: प्रशिक्षण पूरा करने पर ₹15,000 तक टूलकिट सहायता और ₹3 लाख तक सस्ता ऋण दिया जाता है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से उन्हें न केवल कौशल प्रशिक्षण मिलता है बल्कि आर्थिक सहायता और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं। यदि आप या आपके जानने वाले कोई पारंपरिक कारीगर हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और अपने हुनर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।

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