IEI और बिहार स्टेट सेंटर 2025: Royal Charter, Formation, Bye Laws

The Institution of Engineers (India), जिसे संक्षेप में IEI कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा बहु-विषयक पेशेवर इंजीनियर्स का संगठन है। इसकी स्थापना 1920 में हुई और 1935 में इसे रॉयल चार्टर मिला। IEI का उद्देश्य इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान देना और तकनीकी गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।

Institution of Engineers

IEI ने अपने एक सदी से अधिक के इतिहास में इंजीनियरिंग समुदाय की सेवा की है। इसमें 125 केंद्र भारतभर में, 6 विदेशी शाखाएँ और 7 फोरम्स शामिल हैं। संस्था के पास Engineering Staff College of India (ESCI), हैदराबाद भी है। यह संस्था 15 इंजीनियरिंग डिसिप्लिन को कवर करती है और 2 लाख से अधिक कॉर्पोरेट सदस्य इसके सदस्य हैं।

Journey: Bihar State Centre

बिहार स्टेट सेंटर IEI का एक प्रमुख केंद्र है। इस केंद्र ने राज्य के इंजीनियरिंग क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण, तकनीकी कार्यशालाओं और स्थानीय उद्योग सहयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ के कार्यक्रम और सेमिनार राज्य के इंजीनियरों और छात्रों के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं।

Formation (स्थापना)

प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में औद्योगिकीकरण बढ़ा और इंजीनियरिंग गतिविधियाँ सक्रिय हुईं। गुणवत्ता और मानक बनाए रखने के लिए भारतीय औद्योगिक आयोग का गठन किया गया। आयोग ने सुझाव दिया कि एक पेशेवर संस्था की स्थापना हो ताकि तकनीकी प्रगति और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित हो। इसी सिफारिश के आधार पर 1919 में Indian Society of Engineers की स्थापना हुई, और बाद में इसका नाम बदलकर The Institution of Engineers (India) रखा गया।

Royal Charter

1935 में IEI को रॉयल चार्टर मिला। इससे संस्था को आधिकारिक मान्यता और प्रतिष्ठा मिली। यह चार्टर IEI को अधिकार देता है कि यह इंजीनियरिंग पेशेवरों के लिए मानक निर्धारित कर सके और तकनीकी गुणवत्ता सुनिश्चित कर सके।

Opinion of Mr M.C. Setalvad

भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश एम.सी. सेटलवाड ने IEI की स्थापना और उद्देश्यों की सराहना की। उनका मानना था कि इस प्रकार की पेशेवर संस्था भारतीय समाज में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और औद्योगिक प्रगति को सशक्त बनाएगी।

Bye Laws

IEI के बाय लॉज़ संस्था के संचालन की रूपरेखा बताते हैं। इसमें सदस्यता प्रकार, अधिकार, कर्तव्य और संगठनात्मक नियम शामिल हैं। बाय लॉज़ सुनिश्चित करते हैं कि सभी गतिविधियाँ पारदर्शी और व्यवस्थित हों।

Regulations

नियम और विनियम (Regulations) IEI के सदस्यों और केंद्रों के लिए दिशानिर्देश तय करते हैं। ये तकनीकी मानकों, प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रमाणपत्र और पेशेवर नैतिकता के पालन के लिए बनाए गए हैं।

Arbitration

IEI में Arbitration का प्रावधान भी है, जो संस्था और इसके सदस्यों के बीच किसी विवाद के समाधान के लिए है। यह प्रक्रिया निष्पक्ष और त्वरित निर्णय सुनिश्चित करती है।

Succession Board

Succession Board IEI के नेतृत्व और जिम्मेदारी हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार है। यह सुनिश्चित करता है कि संगठन का संचालन लगातार और सुचारू रूप से चलता रहे और संस्था के मिशन में कोई रुकावट न आए।

निष्कर्ष

IEI और उसका बिहार स्टेट सेंटर भारतीय इंजीनियरिंग समुदाय के लिए एक मजबूत स्तंभ हैं। यह संस्था न केवल तकनीकी विकास और गुणवत्ता सुनिश्चित करती है, बल्कि युवा इंजीनियरों को शिक्षा, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। इसके नियम, बाय लॉज़, और Succession Board सुनिश्चित करते हैं कि यह संगठन भविष्य में भी लगातार सफलता और पेशेवर मानक बनाए रखे।

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