20 वर्ष के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अधिकार, सरकार के फैसला आया, बड़ी खबर

वीआरएस पर केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस तीन महीने पहले अनिवार्य रूप से देनी होगी जानकारी

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने उन सरकारी कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और उससे जुड़े लाभों पर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिन्होंने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अंतर्गत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को चुना है।

डीओपीपीडब्ल्यू ने कहा है कि नियम 13 के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) चुनने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। इस नियम के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी 20 वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर लेता है, तो वह अपनी सेवा से स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त होने का अधिकार रखता है।

पेंशन बेनिफिट में कितना अंतर

डीओपीपीडब्ल्यू के मुताबिक, यूपीएस के तहत वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों की पेंशन उनके कुल सर्विस पीरियड के आधार पर तय होगी। अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल से कम सर्विस की है, तो उसे प्रो-राटा आधार पर पेंशन बेनिफिट मिलेगा। वहीं, 25 साल या उससे ज्यादा समय तक सर्विस करने वाले कर्मचारियों को पूरा गारंटीड पेंशन बेनिफिट मिलेगा, जैसा कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के नियमों में तय किया गया है।

पेंशन राशि एक बार तय हो गई तो फिर घटेगी नहीं गलती से बढ़ा हुआ पेंशन भी बिना नोटिस बंद नहीं होगा केंद्र सरकार ने करोड़ों केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों को राहत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि एक बार फाइनल की गई पेंशन परिवारिक पेंशन में कटौती नहीं होगी, जब तक कि उसमें स्पष्ट लेखन /क्लेरिकल या गणना संबंधी त्रुटि साबित न हो।

हालांकि, कोई लेखन या गणना संबंधी गलती न पाई जाती है तो अतिरिक्त भुगतान की वसूली की जा सकती है। लेकिन गलती से भुगतान की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली के लिए पहले विभाग से इसकी मंजूरी लेनी होगी। यदि किसी पेंशन या पारिवारिक पेंशन में कोई गलती दो साल से अधिक समय बाद पाई जाती है, तो उसे कम करने से पहले संबंधित मंत्रालय को पेंशनभोगी कल्याण विभाग से मंजूरी लेनी होगी।

इसलिए अहम फैसला

नए नियमों में यह भी व्यवस्था की गई है कि यदि किसी पेंशनभोगी को गलती से ज्यादा भुगतान कर दिया गया है और यह उसकी गलती से नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय या विभाग यह तय कर सकेगा कि उस अतिरिक्त राशि को वसूला जाए या माफ कर दिया जाए। यदि राशि वापस लेने का निर्णय किया जाता है, तो पेंशनर को दो महीने का नोटिस दिया जाएगा ताकि वह रकम लौटा सके।

अंतिम कार्यदिवस पर भी नियम भी स्पष्ट

सरकार ने अंतिम कार्यदिवस के नियमों को भी स्पष्ट किया है। जिस दिन कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है, इस्तीफा देता है या उसकी मृत्यु होती है, वही दिन उसकी सेवा का अंतिम और पूरा कार्यदिवस माना जाएगा।

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